Pyrite पारंपरिक रुप से धन, रुपया तथा अच्छे भाग्य का प्रतीक बन गया है

इस उपरत्न का यह नाम ग्रीक शब्द पाइर(Pyr) से बना है जिसका अर्थ है – आग.  यह एक ऎसा खनिज है जो सोने के साथ विलक्षण समानता रखता है. यह उपरत्न सोने का भ्रम पैदा करता है और व्यक्ति इसकी चमक देखकर धोखा जाते हैं. इसलिए इसे “Fool’s Gold” भी कहा जाता है. लेकिन यह बात भी सत्य है कि इस उपरत्न में थोडी़ सी मात्रा सोने की अवश्य होती है जिससे यह उपरत्न बहुत कीमती बन जाता है. यह उपरत्न सोने के सादृश्य दिखने के कारण पारंपरिक रुप से धन, रुपया तथा अच्छे भाग्य का प्रतीक बन गया है. सूर्य की भांति चमकने वाला रंग इसे सूर्य के साथ जोड़ता है.

बाजार में जवाहारियों द्वारा यह उपरत्न मर्कासाइट(Marcasite) के नाम से भी जाना जाता है. यह पीतल के समान दिखने वाली एक धातु है जो गहने बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. यह उपरत्न व्यापक रुप से पाया जाता है. प्राचीन समय में मेक्सिको में पाइराइट से स्क्राइंग शीशा बनाया जाता था. इन शीशों का निर्माण एक ओर से पाँलिश करके उसे समतल बनाया जाता था और शीशे के दूसरी तरफ गोल भाग की ओर स्क्राइंग प्रक्रिया के लिए कुछ रहस्यमयी नक्काशी की जाती थी. यह रहस्यमयी नक्काशी, स्क्राइंग प्रक्रिया में इस्तेमाल की जाती थी.

संसार की सभी संस्कृतियों में इस उपरत्न से ताबीज बनाने का काम किया जाता था जिससे कि व्यक्ति सुरक्षित रहे. यह पहला उपरत्न था जो चिकित्सा पद्धति में उपयोग में लाया गया था. यह उपरत्न केवल सोने जैसे सुनहरे रंगों में पाया जाता है. कई बार यह उगते सूर्य की आभा लिए रंग में भी पाया जाता है.

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