इस वर्ष छठ महापर्व 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक मनाया जाएगा।
दीपेंद्र सिंह (संपादक)
भारत में छठ पूजा का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और समापन सप्तमी के दिन। इस दिन व्रती दिन भर व्रत रहकर रात में एक समय भोजन ग्रहण करते हैं और इसके बाद 36 घंटों के निर्जला छठ व्रत का प्रारंभ हो जाता है।
इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं। ये पर्व मुख्य रूप से बिहार झारखंड बंगाल और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। यहां इस पर्व की रौनक देखने लायक होती है। इस साल छठ पर्व 5 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक रहेगा। इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान है। छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। छठ पूजा 4 दिन का होता है। जिसमें पहले दिन नहाय खाय पूजा होती है दूसरे दिन खरना पूजा का होता है तीसरे दिन संध्या अर्घ्या और चौथे दिन उषा अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा की एक और प्रसिद्ध कथा महाभारत काल से जुड़ी है। जब पांडव अपना राजपाट हार गए थे तब द्रौपदी ने छठ व्रत रखा था। वह सूर्य देव की उपासना करके अपने पति और परिवार की समृद्धि और पुनः राजपाट प्राप्त करने के लिए व्रत करने लगीं। उनकी भक्ति और तपस्या के परिणामस्वरूप पांडवों को खोया हुआ राजपाट और सुख-समृद्धि प्राप्त हुई।