समय से पूरा नहीं हुआ काम वंदेभारत समेत कई ट्रेनें रुकीं।
दीपेंद्र सिंह (संपादक)
जिले में तीन अंडरपास बनाने को लेकर ट्रैक के नीचे बॉक्स रखने के लिए आठ घंटे का ट्रैफिक ब्लॉक लिया गया, लेकिन समय से काम पूरा नहीं हुआ। ट्रैफिक ब्लॉक की समय सीमा बढ़ाई जाती रही। रविवार को पहले से छह ट्रेनें रूट डायवर्जन के चलते नहीं आई, लेकिन ट्रैफिक ब्लॉक की अवधि बढ़ने के कारण शाम को वंदेभारत समेत कई ट्रेनों के पहिये थम गए। लखनऊ-रायबरेली रेल मार्ग तक दौड़ रही ट्रेनों को रास्ते में ही अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया। इससे यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई। ट्रेनों में सफर कर रहे यात्री परेशान हुए, वहीं स्टेशनों पर इंतजार कर रहे यात्रियों को भी दिक्कतें हुईं। उतरेटिया-रायबरेली रेल मार्ग पर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यानी आठ घंटे ट्रैफिक ब्लॉक तय हुआ था, ताकि हरचंदपुर व गंगागंज स्टेशनों के बीच क्रॉसिंग संख्या 158 व 161 और बछरावां व श्रीराज नगर स्टेशनों के बीच क्रॉसिंग संख्या 178 पर अंडरपास बनाने के लिए ट्रैक के नीचे बॉक्स रखे जा सकें।
फिक ब्लॉक के चलते छह ट्रेनों को पहले ही डायवर्ट कर दिया गया था, ताकि काम से पूरा हो सके। सुबह 9.25 बजे ट्रैफिक ब्लॉक शुरू हुआ, लेकिन देर शाम तक काम पूरा नहीं हुआ। गंगागंज और हरचंदपुर स्टेशनों के बीच दोनों अंडरपास के काम पूरे हो गए, लेकिन बछरावां और श्रीराज नगर के बीच नीमटीकर अंडरपास में दिक्कतें आईं। बताया गया कि नीमटीकर अंडरपास के करीब सीपेज की समस्या है। पानी के रिसाव के कारण ट्रैक के नीचे बॉक्स रखने में मुश्किलें आने लगीं। पटरियां उखड़ी होने से ट्रेनों को निकालना भी संभव नहीं हुआ, जिससे ट्रैफिक ब्लॉक की अवधि बढ़ाई जाती रही। यह देख बछरावां, रायबरेली की तरफ दोनों दिशाओं से दौड़ रही ट्रेनों को रोक दिया गया। प्रयागराज से गोरखपुर जाने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस पहले दरियापुर में एक घंटे खड़ी रही, फिर रायबरेली स्टेशन पर रोक दी गई। प्रयागराज से लखनऊ जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस एक घंटे देरी से ऊंचाहार स्टेशन पहुंची, लेकिन इस ट्रेन को ऊंचाहार में हरी झंडी नहीं मिली। ट्रेन के यात्री स्टेशन पर टहलने लगे।
बछरावां (रायबरेली)। बछरावां और श्रीराज नगर स्टेशनों के बीच नीमटीकर क्रॉसिंग पर बन रहे अंडरपास का काम समय से पूरा नहीं हो पाया है। यहां पर सबसे बड़ी समस्या सीपेज को लेकर है। जैसे ही जेसीबी से खोदाई होती है, पानी निकल आता और भर जाता है। इससे आसपास कीचड़ भी हो जाता है। पानी निकालने के लिए पंप भी लगाए गए हैं, लेकिन खोदाई में सुबह से शाम हो गई। पानी के रिसाव और कीचड़ की वजह से रेलवे ट्रैक के नीचे बॉक्स भी नहीं रखा जा सका। अभियंताओं और कर्मचारियों की टीम रात तक डटी रही कि किसी तरह ट्रैक के नीचे बॉक्स रख दें, ताकि इसके बाद पटरियां बिछाकर ट्रेनों का आवागमन बहाल कर सकें। इसके बावजूद सफलता नहीं मिलती दिखी।