” ISRO पर नहीं था भरोसा पिछली सरकार को”

ISRO के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडियो शेयर कर भाजपा ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है. वीडियो में नंबी नारायणन कहते हैं कि उनकी (तत्कालीन सरकार की) प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं, उन्होंने कभी भी अंतरिक्ष अनुसंधान को प्राथमिकता नहीं दी. इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन का एक वीडिया भाजपा ने शेयर किया है. इस वीडियो में वो कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ISRO के हालातों पर बात कर रहे थे. वीडियो में नंबी कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं, उन्होंने कभी भी अंतरिक्ष अनुसंधान को प्राथमिकता नहीं दी. तब की सरकार द्वारा धन आवंटित नहीं किया गया. यही वीडियो शेयर करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है. पूर्व वैज्ञानिक के मुताबिक इसरो के पास अनुसंधान कार्य के लिए कोई जीप या कार नहीं थी. उनके पास सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्टों में चलती थी… तब से अब तक… जैसे-जैसे परफॉर्मेंस सुधरी सरकारों का भरोसा बढ़ता गया और हमें सराहा गया. बीजेपी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में वृद्धि की है।
और हमारे वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलताओं और विफलताओं में खड़े हैं, तो भारत के अंतरिक्ष मिशन बहुत आगे बढ़ चुके हैं. बता दें कि चंद्रयान-3 की सफलता पर बोलते हुए नंबी नारायणन ने कहा था कि मेरे काम को मान्यता मिली है. नंबी नारायणन वही वैज्ञानिक हैं जिनपर कुछ दिनों पहले फिल्म भी आई थी. एक्टर आर माधवन ने इस पर फिल्म ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ की थी. नंबी नारायणन ने अपने करियर में विक्रम साराभाई, सतीश धवन और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम किया. नंबी नारायण जब इसरो में वैज्ञानिक थे, तो 1994 में भारतीय आंतरिक्ष प्रोग्राम से जुड़ी गोपनीय जानकारी को लीक करने का झूठा आरोप उन पर लगाया गया था. आरोप थे कि उन्होंने आंतरिक्ष प्रोग्राम की जानकारी मालदीव के दो नागरिकों को साझा की है, जिन्होंने इसरो के रॉकेट इंजनों की इस जानकारी को पाकिस्तान को बेच दी थी. इन आरोपों के बाद केरल सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. 50 दिनों की जेल काटने और पुलिस के अत्याचार सहने के बाद नंबी को रिहा कर दिया गया. बाद में उन पर लगे सभी आरोप झूठे पाए गए थे।

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