अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को
दीपेंद्र सिंह (सम्पादक)
बाल श्रम उन्मूलन के प्रति जनजागरण हेतु प्रत्येक वर्ष 12 जून “अन्तर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस घोषित है तथा इस अवसर पर बाल श्रम उन्मूलन के संबंध में आम जन मानस से अनुरोध है कि किसी भी प्रतिष्ठान व दुकान जो बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के अन्तर्गत खतरनाक प्रक्रिया एवं व्यवसाय घोषित हैं. उनमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कार्य पर नहीं रखा जाए ऐसा करना दण्डनीय है जिसमें कारावास एवं आर्थिक दण्ड का प्रावधान है।
सहायक श्रमायुक्त आर०एल० स्वर्णकार द्वारा बताया गया कि श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम के विरुद्ध विश्व दिवस के तहत जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके तहत ईंट भट्टो, होटल डाबों मजदूर चौक पर एवं निर्माण ठेकेदारों को बाल श्रमिक नहीं रखने तथा बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया गया।
अभियान के दौरान कार्यरत धमिकों को मास्क एवं जागरुकता संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री का वितरण किया गया। साथ ही संचालकों को बाल श्रमिक नहीं रखने के संबंध में शपथ दिलवाई गई। ईंट भट्ठों होटल ढाबे मजदूर चौक पर एवं निर्माण ठेकेदारों एवं श्रमिकों बताया गया कि बाल श्रमिक नियोजित करने पर नियोजक/मालिक पर न्यूनतम 20 हजार से 50 हजार तक का जुर्माना किया जा सकता है एवं 6 माह से 2 वर्ष तक कारावास की सजा से दंडित किया जा सकता है या दोनों सजा मिल सकती है। अभियान में जिला चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने 1098 के बारे में भी जानकारी दी। विपरीत परिस्थितियों में बच्चों के साथ होने वाली घटना, दुर्घटना, शोषण आदि के लिए तात्कालिक मदद के लिए टोल फ्री नंबर 1098 का उपयोग करने की अपील भी की गई।
बाल श्रम एक गंभीर मुद्दा है बचपन खेलने और सीखने का समय होता है ना कि खतरनाक परिस्थितियों में काम करने का बाल श्रम बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को रोकता है और उन्हें शिक्षा के अवसर से भी वंचित रखता है… आइए मिलकर इस जघन्य प्रथा को खत्म करें और हर बच्चे को खुशहाल बचपन और शिक्षा का मौका दें।